Wednesday, August 25, 2021

कोरोना महामारी की द्वितीय लहर से कुछ सीख और सुझाव

इस महामारी ने एक तरफ निराशा का अहसास कराया, वहीं दूसरी तरफ बहुत से अच्छे उदहारण भी प्रस्तुत किये. हमें इन् उदाहरणों से सीखना चाहिए और आगे की तैयारी करनी चाहिए | इस दिशा में कुछ चुनौतियाँ और उनसे सम्बंधित सुझाव कुछ इस प्रकार हैं | 

१. इस महामारी से ये पता चला की आपदा के समय लोकल स्तर पर जो सामाजिक संस्थाएं है, वह बहुत अच्छा रोले प्ले कर सकती हैं | अतः ऐसी संस्थाओं को विकास में सहभागी बनाना बहुत आवश्यक है | इस भागीदारी की शुरुआत ऐसी सभी संस्थाओं का डेटाबेस बनाने से और ऐसी संस्थाओं के सामर्थ्य का सही आकलन करने से हो सकती है | ताकि सरकार को यह पता रहे की कब और कैसे किस संस्था को भागीदार बनाया जा सकता है और बोगस संस्थाओं से बचा जा सकता है |  ऐसी धार्मिक, सामाजिक संस्थाओं के माध्यम से पेड़ लगाना, गन्दगी हटाना और बहुत से अन्य कार्य किये जा सकते हैं | 

२. महामारी के समय समस्या ऑक्सीजन की कमी नहीं बल्कि उसकी वितरण प्रणाली को लेकर थी | हॉस्पिटल में बेड भी थे पर आम आदमी को उसकी सही जानकारी उपलब्ध नहीं थी | दवाएं भी मिल रही थी पर भ्रामक जानकारियां फैली हुई थी | जिसकी वजह से त्राहिमाम जैसी स्तिथि उत्पन्न हो गयी | इस दिशा में हमारा सुझाव है की ऐसे सभी प्राइवेट, पब्लिक इमरजेंसी और आपदा सम्बंधित साधनों की सही जानकारी के लिए एक वेब पोर्टल या मोबाइल ऍप बनायीं जाए जो हर समय कार्यरत हो और सही जानकारी उपलब्ध कराये | 

३. इस आपदा ने गरीब और अमीर के अंतर को बढ़ा दिया है | इस समय में जहाँ बहुत से गरीब लोगों ने रोज़गार खो दिया, वही स्टॉक मार्किट से बहुत लोगों ने धन भी एकत्रित किया है | सरकार अपनी कर प्रणाली के माध्यम से इस अंतर को कम कर सकती है |   

४ . योग साधना ने इस बीमारी से लड़ने में और प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने  में महत्त्वपूर्ण योगदान दिया है | इस सन्दर्भ में अगर सरकार सभी मंदिर, मस्जिद, गुरुद्वारों के पुजारियों, महंतो, मौलवियों  को अगर योग का फ्री प्रशिक्षण दे और सभी धार्मिक केंद्रों को योग केंद्र बनाने पर प्रोत्साहन दे तो भारतीय जनता धर्म के साथ साथ स्वस्थ्य भी हो सकती है | 

५. अगर ऐसे सभी पॉजिटिव केस स्टडीज की बुक बनाकर या मूवी बनाकर या पुस्तकों में उल्लेख कर प्रकाशित  करे तो भविष्य के लिए एक अच्छा उदहारण भी प्रस्तुत होगा |   

६. इस महामारी ने वर्तमान ही नहीं अपितु भविष्य (बच्चों ) को भी संकट में डाल  दिया है| उनके स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए सरकार को अभी से कार्यरत हो जाना चाहिए | इस कड़ी में अच्छा होगा अगर सरकार नागरिकों को पढाई करने हेतु सस्ते स्मार्ट फ़ोन उपलब्ध करा सके जो केवल पढ़ने सम्बन्धी सॉफ्टवेयर चलने के काम आ सके |  

कोरोना  एक ऐसी विकराल विचित्र महामारी थी  जिस पर किसी का नियंत्रण नहीं था, पर एक नागरिक की तरह हम  कोरोना आपदा  प्रबंधन  में अपनी गलतियों पर विवेचना कर सकते हैं |   इस सन्दर्भ में निम्नलिखित सुधार हमें सफलतापूर्वक मुकाबला करने में मदद करेंगे |   

१. एक इनफार्मेशन पोर्टल (वन स्टॉप सोर्स ) जहाँ डिस्ट्रिक्ट, सिटी, स्टेट एंड सेंटर गवर्नमेंट के सभी नियमों की घोषणा हो ताकि लोगों में गलत जानकारी ना फैले |  जैसे की शहर में कहाँ कहाँ कोरोना टेस्ट हो रहा है, वहां का नंबर क्या है और फ़ोन करके अपना नंबर कैसे बुक किया जा सकता है | 

२. तकनीक का अधिक से अधिक उपयोग करें ताकि समस्या ना आये | पर्यटन स्थल पर भीड़ नियंत्रण की व्यवस्था हो या क़ानून का उल्लघन करने वालों पर जुर्माना, तकनीक वीआईपी कल्चर को खत्म करने में, और पारदर्शिता लाने में सहायक होगी  | 

३. दूसरे देशों पर नज़र रखें और उनमे फैलने वाले कोरोना वैरिएंट का लगातार विश्लेषण करते रहे |  इसी से हमारी बचाव की नीति निर्धारित होगी | 

४. बुक रीडिंग फेस्टिवल शुरू करें | इसे प्रोत्साहन दे |  ये एक ऐसी गतिविधि है जो घर बैठे लॉक डाउन  में आराम से की जा सकती है | इसी तरह राज्य सभा और लोक सभा की पुरानी डिबेट्स को भी दूरदर्शन के माध्यम से महाभारत और रामायण  की तर्ज  प्रसारित किया जा सकता है |  इससे लोग सोशल मीडिया से फैलने वाली भ्रामक जानकारी से बचेंगे | 

५. कोरोना काल में किसी भी कारणवश मरने वाले व्यक्तियों के परिवार के छोटे बच्चों के लिए कुछ शिक्षा और स्वस्थ्य सम्बन्धी सुविधा दी जानी चाहिए | 

६. तकनीकी माध्यम से सरकार को वितरण प्रणाली को सबल और सक्षम करना चाहिए | इसके लिए सरकार को सेंसस २०२१ में हर व्यक्ति की कार्य क्षमता, शिक्षा, आमदनी का विवरण की इक्कठा करना चाहिए ताकि हम समझ पाए की आपदा के समय किसे सरकार की जरुरत सबसे ज्यादा है | 

७.   विभिन्न राज्यों के बीच में तालमेल बहुत जरुरी है | अगर शरीर के दो अंग अलग अलग दिशा में चलेंगे तो विजय पथ पर चलना असंभव है | इसके लिए चाहे तो राष्ट्रीय स्तर पर कानून भी लाया जा सकता है | 


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